गुरु के व्यवहार को कभी मत देखो,सदा यह सोचो कि वो कुछ भी करे।कैसा भी व्यवहार करें,हमे इससे कोई मतलब नहीं।बस हमे तो उनकी आज्ञा पालन करना है।चाहे वो आंखे फेर लें,चाहे उदासीन हो जाए,चाहे डांट लगाए,लेकिन हमारे प्यार में कभी कमी नहीं आएगी।सदा उन्हे सुख पंहूचाना ही हमारे जीवन का प्रथम लक्ष्य है.
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