Thursday, September 15, 2011

हमारे प्रिय गुरुवर "जगद्गुरू श्री कृपालुजी महाराज" चौबीस घंटे अनंत प्रेमानन्द में डूबे रहते हैं, वे हम गंदे जीवों के साथ कुछ भी व्यवहार करे यह उनकी अकारण कृपा ही है। अगर इसकी इम्पॉर्टेन्स कोई जीव महसूस करे तो उसको भक्ति करने की आवश्यकता नहीं हैं, भगवदप्राप्ति हो जाएगी।

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