बार बार सोचो कि भगवान में सुख है , भगवान में ही सुख है. हरि गुरु ही मेरे है. यह बार बार सोचोगे तो भगवान से प्यार हो जायेगा. सीधा सा इलाज है . सोचना , बस बोलना नहीं .सोचना. बोलना बहुत हो चूका. बार बार सोचने से डिसीजन होगा और वह डिसीजन ही साधना करायेगा.
क्षण क्षण हरि गुरु स्मरण में ही व्यतीत करो. पल पल मृत्यु की और बढ़ रहे हो और संसार में बेहोश हो.
-------JAGADGURU SHRI KRIPALUJI MAHARAJ.
JAGADGURU SHRI KRIPALUJI MAHARAJ KI JAI HO.........
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