Saturday, October 1, 2011

अपने से नीचे वाले को देखोगे तो 50 परसेंट दुख, अशांति, टेंशन चला जायेगा.
-----श्री महाराजजी .


सदा यह चिन्तन बनाये रखो कि मुझे मेरे प्रिय गुरुवर (श्री महाराजजी) का जितना स्नेह, अनुग्रह मिल चुका है वही अनंत जन्मों के पुण्यों से असम्भव है। अतएव पूर्व प्राप्त स्नेह एवं अनुग्रह का चिन्तन करके बार-बार बलिहार जाओ।

टाइम बरबाद न करो। जितना समय पेट भरने के लिए जरूरी है उतना समय संसार को दो,बाकी टाइम का उपयोग करो। भगवदविषय में लगाओगे तो बहुत जल्दी आगे बढ़ जाओगे अंत:करण की शुद्धि की और। और अगर मर गए बीच में तो जो साधना की है हमारी है वो तुमको फिर मनुष्य बना देगी और फिर कोई गुरु मिल जायेगा या तुम्हारा वही पुराना गुरु दूसरा रूप धारण करके आ जायेगा और तुमको फिर आगे बढ़ाएगा। अँधेर नहीं है भगवान के यहाँ कि बीच में छोड़ दिया गुरुजी ने। ऐसा नहीं होता। वो सदा के लिए हमारा साथ देता है भगवद प्राप्ति तक। इसलिए टाइम का उपयोग करो,समय नष्ट न करो, साधना करते रहो।
------भगवान श्री कृपालुजी के मुखारविंद से.................






"संत और भगवान दया के सिवाय ओर कुछ कर नहीं सकते अपनी बुद्धि मे जोड़ दो बस पूर्ण शरणागति यही है ।
प्रत्येक अवस्था में दया कौनसी है यह समझ में नहीं आता, कृपालु संत की कृपा का लाभ वही उठा सकता है जो उनकी कृपा के तत्व को समझता है ।
संत भी ऐसे मनुष्य को पाप से नहीं बचा सकता जो उनके कथनानुसार नहीं चलता....."

-- !! जगद्गुरू श्री कृपालुजी महाराज !!

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