Sunday, February 17, 2013

मन एक समय में एक ही काम कर सकता है । मन के सयोंग के बिना कोई काम नहीं हो सकता । किसी भी काम को मन लगाकर तो करना चाहिये किंतु अटैचमेंट भगवान में ही रखना चाहिये ।
-----जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज.
मन एक समय में एक ही काम कर सकता है । मन के सयोंग के बिना कोई काम नहीं हो सकता । किसी भी काम को मन लगाकर तो करना चाहिये किंतु अटैचमेंट भगवान में ही रखना चाहिये । 
-----जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज.

 

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