Wednesday, February 13, 2013

लोगों को दूसरों की तो बड़ी भारी फिक्र है, परन्तु हमारा स्वयं का क्या होगा ,इसकी फिक्र नहीं है। आश्चर्य: अपनी फिक्र क्यो नहीं करते हो।
-----श्री कृपालुजी महाराज.
लोगों को दूसरों की तो बड़ी भारी फिक्र है, परन्तु हमारा स्वयं का क्या होगा ,इसकी फिक्र नहीं है। आश्चर्य: अपनी फिक्र क्यो नहीं करते हो।
-----श्री कृपालुजी महाराज.

 
 

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