Sunday, February 17, 2013

हमें कीर्तन में नींद क्यों आती है ? क्योंकि हम अपने इष्टदेव का रूपध्यान नहीं करते ! श्यामसुन्दर को प्यार नहीं करते ! प्यार नहीं है इसलिये गुणगान करते समय ह्रदय नहीं पिघलता व हम ऊँघने लगते हैं !
-------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
हमें कीर्तन में नींद क्यों आती है ? क्योंकि हम अपने इष्टदेव का रूपध्यान नहीं करते ! श्यामसुन्दर को प्यार नहीं करते ! प्यार नहीं है इसलिये गुणगान करते समय ह्रदय नहीं पिघलता व हम ऊँघने लगते हैं ! 
-------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।

 

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