Wednesday, July 9, 2014

प्रथम नमन गुरुवर पुनि गिरिधर, जोई श्री गुरुवर सोई श्री गिरिधर।
हरि गुरु कृपा सदा सब ही पर, अंत:करण पात्र पावन कर।
करहु 'कृपालु' कृपा मोहूँ पर, तन मन धन अर्पन चरनन पर।।
जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन।

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