Friday, September 6, 2013

हमारे ह्रदय में श्याम सुंदर हैं , इस फीलिंग ( feeling ) को बढ़ाना है , अभ्यास करो इसका ! कभी भी अपने आपको अकेला न मानो बस एक सिद्धांत याद कर लो ! हम लोग जो पाप करते हैं , क्यों करते हैं ? अकेला मानकर अपने आपको ! हम जो सोच रहे हैं , कोई नहीं जनता ! हम जो करने जा रहे हैं कोई नहीं जनता ! हम जो झूठ बोल रहे हैं , कोई नहीं जान सकता।

........जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।

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