Wednesday, September 11, 2013

सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे ! ब्रह्मा को भी जीव खिलौना बना दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे !पुरुषोतम को भी दास बना दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे ! ब्रह्म को भी जीव सांटी डरा दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे !बड़े ब्रह्म प्रेम को छोटा बना दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे ! सब ते बड़े ब्रह्म को भी रुला दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे ! ब्रह्म को भी जीव करताल पै नचा दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे ! ब्रह्म पूर्णकाम को सकाम बना दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे ! पूर्णब्रह्म को भी अपूर्ण बना दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे ! ब्रह्म को भी छाछ भिखारी बना दे !!
सबते बड़ा है प्रेम गोविंद राधे !गोपियों के पाछे पाछे ब्रज में घुमा दे !!
{राधा गोविंद गीत }
........जगद्गुरू श्री कृपालु जी महाराज.

No comments:

Post a Comment