Saturday, August 2, 2014

कभी यह न सोचो कृपा की कमी है, कमी जो है वह हममें ही है | महापुरुष शरणागत के लिये क्या-क्या भगीरथ प्रयत्न करता है, यह तो भगवत्प्राप्ति होने पर ही साधक को समझ में आ सकता है | सब लोग कमरा बन्द करके सोचें तो पायेंगे कि मेरा कितना कायापलट हो गया ? मैं कहाँ जा रहा था, कहाँ से कहाँ ला कर खड़ा कर दिया महाराज जी ने ?
-----------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।

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