Monday, August 11, 2014

अब मैं रोज़ एक नया शेर कहाँ तक लिखूँ तुम्हारे लिये........!
तुम्हारी तो हर रोज़ ही एक नयी बात हुआ करती है ................!!
राधे-राधे।

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