Wednesday, March 20, 2013

इकला ही आया जग गोविन्द राधे,
इकला ही काल तेरा टिकेट कटा दे।

केवल जो कर्म किया है, अच्छा या बुरा वह साथ जायेगा. तन,मन,धन इन का जो उपयोग चार एरिया में किया है- तामसी, राजसी,सात्विक, और भगवान, जिसने जिस एरिया में इन तीनो का उपयोग किया है, उसी एरिया में जाना होगा. हम नहीं जायेंगे नरक में ,बड़ा कष्ट होगा. अरे ! तो पहले क्यों नहीं सोचा. जब संतो ने कहा- अरे ! टाइम निकालो भगवान की भक्ति के लिये, इस शरीर को भगवान की और लगाओ, मन को लगाओ. तब आप लोगो ने कहा की गुरूजी तो ऐसी बाते करते है. हम तो गृहस्थी है, अपने बाल-बच्चों के लिये करेंगे. अब कहा है बाल बच्चे ? अकेले जाना पड़ेगा ! बाल-बच्चे कोई नहीं जायेंगे।

........जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाप्रभु।
"इकला ही आया जग गोविन्द राधे,
 इकला ही काल तेरा टिकेट कटा दे।
 
केवल जो कर्म किया है, अच्छा या बुरा वह साथ जायेगा. तन,मन,धन इन का जो उपयोग चार एरिया में किया है- तामसी, राजसी,सात्विक, और भगवान, जिसने जिस एरिया में इन तीनो का उपयोग किया है, उसी एरिया में जाना होगा. हम नहीं जायेंगे नरक में ,बड़ा कष्ट होगा. अरे ! तो पहले क्यों नहीं सोचा. जब संतो ने कहा- अरे ! टाइम निकालो भगवान की भक्ति के लिये, इस शरीर को भगवान की और लगाओ, मन को लगाओ. तब आप लोगो ने कहा की गुरूजी तो ऐसी बाते करते है. हम तो गृहस्थी है, अपने बाल-बच्चों के लिये करेंगे. अब कहा है बाल बच्चे ? अकेले जाना पड़ेगा ! बाल-बच्चे कोई नहीं जायेंगे।
 
........जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाप्रभु।

 



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