Thursday, March 7, 2013

भक्तियुक्तचित्त द्वारा भगवन्नाम संकीर्तन करते हुये करुण क्रंदन करो. व्याकुलता बढाओ.व्याकुलता ही भक्ति का आधार है.

------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाप्रभु।
भक्तियुक्तचित्त द्वारा भगवन्नाम संकीर्तन करते हुये करुण क्रंदन करो. व्याकुलता बढाओ.व्याकुलता ही भक्ति का आधार है.
 
------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाप्रभु।

 

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