Monday, April 14, 2014

निष्काम प्रेम का लक्ष्य बनाओ। अभ्यास करो, चाहे एक जन्म नहीं , दस जन्म लग जायें। वस्तु सबसे बड़ी मिले , ऊंची मिले कि भगवान् नांचे। इस कोटि पर पहुंचना है।
------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु।

No comments:

Post a Comment