Tuesday, April 15, 2014

भर भर के पी ले मय पर पैमाना साथ न लाना, दोनों जहाँ की ख्वाहिश दिल में रहे न तिल भर, पैमाना ये ही लेकर मयकश कदम बढ़ाना, इनका नशा है ऐसा उतरे न ता क़यामत,
बढ़ता रहे हमेशा खाली न हो खजाना, इक बात है "कृपालु " यारों नशे में इसके,
शाहाना ठाठ बाहर भीतर मगर दीवाना ..............!!!

राधे-राधे।

No comments:

Post a Comment