Monday, April 14, 2014

अभ्यास के द्वारा महापुरुष बन सकते हैं।
बड़े - बड़े पापात्मा जो राम नहीं कह सकते थे वाल्मीकि वगैरह ये महापुरुष कैसे हो गये ? बस प्रतिज्ञा कर लिया। आज हम ऐसा ही करेंगे। बड़े - बड़े कामी , क्रोधी , लोभी , अभ्यास के द्वारा महापुरुष बन गये। साँप को रस्सी समझ कर तुलसीदास गये अपनी बीबी के पास , इतने कामान्ध लेकिन प्रतिज्ञा कर लिया। राम के भक्त हो गये। तो ये सब बातें अभ्यास से ही जायेंगी , लेकिन लापरवाही नहीं करनी चाहिये।
………जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु।

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