Saturday, June 22, 2013

मायाबद्ध जीव का तो गोविन्द राधे !
तनु छुड्वाया जाय कष्ट हो बता दे !!

भावार्थ - मायाबद्ध जीव को शारीर छोड़ते समय असह पीड़ा होती है ! सहस्त्रों बिच्छुओं के एक साथ काटने से जो पीड़ा होती है वही पीड़ा मायाधीन जीव को मृत्यु के समय होती है ! मायाधीन जीव को शरीर छोड़ने को यमराज विवश करते हैं !
-----जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज .

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