Monday, June 16, 2014

अनंत जन्मों से हम गंदगी खा रहे हैं,विष पीने का इतना अधिक अभ्यास हो गया है कि अमृत पीना अच्छा नहीं लगता।
........श्री 'कृपालु' गुरुवर।

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