Thursday, June 12, 2014

भगवान् से कोई जीव किसी प्रकार का लाभ नहीं उठा सकता। जैसे समुद्र का खारा जल किसी प्राणी की प्यास नहीं बुझाता परन्तु वही समुद्र का जल जब बादल बरसाता है तो सम्पूर्ण जगत तृप्त हो जाता है। इसी प्रकार संतों द्वारा ही भगवान् की दिव्य महिमा का ज्ञान प्राप्त करके जीव भगवान् का आनन्द प्राप्त कर लेता है।
--------जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु।

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