Monday, March 17, 2014

जिनके चरण कमलों की रज श्यामा श्याम प्रेम रस से पूर्ण है। वह अमर मूल ( संजीवनी बूटी ) के समान समस्त भव रोगों की औषधि है ,
ऐसे सद्गुरु बैध को सर्वस्व समर्पण करते हुए सहस्रों सहस्रों प्रणाम।

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