Saturday, August 19, 2017

साधनावस्था में कामना करने वाला घोर पतन को प्राप्त हो सकता है यानी उसका जितने पर्सेन्ट(Percent) प्रेम हुआ है श्यामसुन्दर से वह सब ज़ीरो पर आ सकता है और नास्तिक भी हो सकता है।
इसलिए कम से कम 'कृपालु' तो डंके की चोट पर कहता है:- नास्तिक बन जाओ, बने रहो ठीक है,मत जाओ श्यामसुन्दर के पास। अौर अगर जाओ तो खबरदार मोक्ष तक की कामना ले के मत जाना। कामना डेन्जरस(Dangerous) है।

----- जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।

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