Saturday, August 12, 2017


सब साधन जनु देह सम, रूपध्यान जनु प्राण राधे राधे ।
खात गीध अरु स्वान जनु ,कामादिक शव मान राधे राधे।।

श्रीकृष्ण की प्राप्ति की समस्त साधनायें यम,नियम,कर्म,योग,ज्ञान,व्रतादि प्राणहीन शव के समान है, यदि रूपध्यान रहित हैं ।
All spiritual practices for attaining Shri Krishna such as Gyan, Karma, Yoga, Austerities, and Rituals are like a dead body without a soul if they are done without Roop Dhyan -the Loving Remembrance of Krishna's form.
.......जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।

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