Sunday, August 13, 2017

जगद्गुरु वंदना:
भक्तियोगरसावतार भगवतीनंदन सद्गुरु के मार्गदर्शन में भक्तियोग की साधना करने वाले भक्तों द्वारा भक्ति स्वरुप गुरुवर को कोटि कोटि प्रणाम।
भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित करके असंख्य जीवों का कल्याण करने वाले सदगुरु देव को कोटि कोटि प्रणाम।
भक्ति महादेवी को जन जन के हृदय में स्थापित करके भक्तियोग रसावतार स्वरुप को प्रमाणित करने वाले भक्तिरस सिंधु प्रिय गुरुवर को सहस्त्रों भक्तों का भक्ति युक्त प्रणाम।
साधना का प्राण 'रूपध्यान' है, यह बुद्धि में बैठा कर श्री श्यामा श्याम की मनोमयी मूर्ति सबके हृदय में प्रतिष्ठापित करने हेतु असंख्य कीर्तन,पद,दोहे लिखकर ,उनका मधुर गान कराने वाले संकीर्तन सम्राट ,प्रेम रस रसिक प्रिय गुरुवर को कोटि कोटि प्रणाम।

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