Friday, July 26, 2013

अपना जीवन अपना न मानो, अपने शरण्य का ही मानो। सदा यही सोचो कि उनकी सेवा में ही क्षण-क्षण व्यतीत हो।
------श्री महाराजजी।

No comments:

Post a Comment