Sunday, January 3, 2016

वे हमें अपना बनावें चाहे न बनावें इसकी हमें चिन्ता नहीं !
हम उन्हें अपना बनाए रहेंगे बस यही निश्चय रहे !

--------सुश्री श्रीधरी दीदी (जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज की प्रचारिका)।

No comments:

Post a Comment