Sunday, December 13, 2015

जितने समीप आग के कोई जायेगा उतना ही उसका शीत उसकी ठंडक कम हो जायेगी,उतना ही उसका ताप बढ़ता जायेगा। उसी प्रकार हम जितना भगवान के पास भक्ति के द्वारा जायेंगे, उतनी ही भगवतशक्ति हमको मिलती जायेगी और चूँकि भगवान नित्य शांत ,नित्य आनंदमय है इसलिए उसकी शक्ति से हम भी शांत हो जायेंगे।
-------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।

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