Friday, December 2, 2016

वो महाचेतन है, भगवान्।उसके बल से माया इतनी बलवती हो गई कि बड़े-बड़े शक्तिधारी जीव,ब्रह्मादिक कोई हों, विश्व में, सब माया के अंडर में हैं।
जब तक भगवत् भक्ति करके शरणागत होकर के भगवत्कृपा न प्राप्त करेगा, कोई नहीं बचेगा।

शिव विरंचि कहँ मोहई, को है बपुरा आन ।
----- जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।

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