सभी सदस्यों का "DIVINE BLISS OF JAGADGURU SHRI KRIPALU JI MAHARAJ BY SHREEDHARI DIDI ग्रुप'" में हार्दिक स्वागत है। आप सभी को जय श्री राधे राधे ! ! यह ग्रुप "जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज'' के दिव्य तत्वज्ञान, उनकी रसमय वाणी, उनके पद, कीर्तन, फ़ोटो, विडियो, इत्यादि से सजी हुई फुलवारी है, जहाँ परम श्रद्धेय श्री सद्गुरु जी की कृपालुता की सुगंधी हैं, उनकी महक है।
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज इस युग के पंचम मूल जगद्गुरु हैं, जिन्हें काशी विद्वत परिषत द्वारा ''जगद्गुरुत्तम'' की उपाधि से विभूषित किया गया है. आज सारा विश्व उनके द्वारा प्रदत्त अद्वितीय तत्वज्ञान और उनके द्वारा लुटाये गए ब्रजरस को पाकर उनका हमेशा-हमेशा के लिए ऋणी हो गया है। सारा विश्व आज गौरवान्वित है जो ऐसे रसिक संत आज हम सबके बीच में हैं और जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण हम पतित जीवों के कल्याणार्थ ही अर्पण कर दिया है, जो हम सबको सबसे बड़ा रस, ब्रज रस और श्री प्रिय प्रियतम की सेवा दिलाने को, उनका प्रेम दिलाने को आतुर है, उनकी कृपालुता धन्य है, उनका प्रेम धन्य है, उनका धाम धन्य है, उनकी वाणी धन्य है, उनका रोम रोम धन्य हैं.. वे ऐसे महापुरुष है जो केवल नाम से ही नहीं वरन जिनका स्वाभाव ही स्वभावतः 'कृपा कृपा कृपा' का ही है. ऐसे सद्गुरु की शरण जाकर हम सबको अपनी बिगड़ी संवार लेनी चाहिए। अनंतानत जन्मों से भटकते हम पापी जीवात्माएं आनंद के लिए भटक रहीं हैं, आज उसी आनंद को पाने का एक रास्ता, जो सद्गुरु देव की कृपा से अति ही सरल जान पड़ता हैं, अगर कोई गहराई से सोचे, इन महापुरुष की दया से सहज में ही मिल रहा है, तो क्यूँ न इस पापी और ढीठ मन को एक बार उनके चरणों में झुका दें और और उनका खजाना पा लें, जो अनंत हैं।
इस ग्रुप से जुडने पर आपको प्रतिदिन श्री महाराजजी के श्रीमुख से नि:सृत दिव्य अमृत वाक्य पढ़ने को मिलेंगे। उनकी लेटैस्ट इन्फॉर्मेशन भी आपको इस ग्रुप के माध्यम से उपलब्ध कराई जायेगी।
आप सभी साधकों से विनती है कि इस ग्रुप में जो की श्री महाराजजी की कृपा से ही प्रारम्भ हुआ है,इसमें श्री महाराजजी से जुड़े हुए अधिक से अधिक सत्संगी बहन-भाइयों को जोड़ते रहें। जिससे सभी को श्री महाराजजी के दिव्य तत्वज्ञान का लाभ मिल सके।
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज इस युग के पंचम मूल जगद्गुरु हैं, जिन्हें काशी विद्वत परिषत द्वारा ''जगद्गुरुत्तम'' की उपाधि से विभूषित किया गया है. आज सारा विश्व उनके द्वारा प्रदत्त अद्वितीय तत्वज्ञान और उनके द्वारा लुटाये गए ब्रजरस को पाकर उनका हमेशा-हमेशा के लिए ऋणी हो गया है। सारा विश्व आज गौरवान्वित है जो ऐसे रसिक संत आज हम सबके बीच में हैं और जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण हम पतित जीवों के कल्याणार्थ ही अर्पण कर दिया है, जो हम सबको सबसे बड़ा रस, ब्रज रस और श्री प्रिय प्रियतम की सेवा दिलाने को, उनका प्रेम दिलाने को आतुर है, उनकी कृपालुता धन्य है, उनका प्रेम धन्य है, उनका धाम धन्य है, उनकी वाणी धन्य है, उनका रोम रोम धन्य हैं.. वे ऐसे महापुरुष है जो केवल नाम से ही नहीं वरन जिनका स्वाभाव ही स्वभावतः 'कृपा कृपा कृपा' का ही है. ऐसे सद्गुरु की शरण जाकर हम सबको अपनी बिगड़ी संवार लेनी चाहिए। अनंतानत जन्मों से भटकते हम पापी जीवात्माएं आनंद के लिए भटक रहीं हैं, आज उसी आनंद को पाने का एक रास्ता, जो सद्गुरु देव की कृपा से अति ही सरल जान पड़ता हैं, अगर कोई गहराई से सोचे, इन महापुरुष की दया से सहज में ही मिल रहा है, तो क्यूँ न इस पापी और ढीठ मन को एक बार उनके चरणों में झुका दें और और उनका खजाना पा लें, जो अनंत हैं।
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अगर आपको इस ग्रुप से जुड़ने पर वास्तविक लाभ होता है तो मन ही मन श्री महाराजजी का आभार व्यक्त करें की उनकी ही कृपा से उनका अमूल्य तत्वज्ञान आपको यहाँ मिल रहा है।
आप सभी के सुझाव इस ग्रुप को और बेहतर बनाने के लिए भी आमंत्रित हैं।
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**************जय-जय श्री राधे*************
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