Sunday, May 15, 2016

सुमिरन कर ले मना, राधा अरु राधारमना।
दोई गोपीजन जीवना, राधा अरु राधारमना ।
दोनों ही 'कृपालु' हैं मना, राधा अरु राधारमना।

----- जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।

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