Wednesday, May 15, 2013

<अम्रुतस्य वै पुत्राः>

सभी जीव एकमात्र श्रीकृष्ण के पुत्र ही हैं । इतना ही नहीं वरन् वेद कहते हैं कि श्रीकृष्ण ही जीव के पिता, माता, भ्राता, सखा, पुत्र, प्रियतम, गति, आदि सब कुछ हैं । केवल श्रीकृष्ण सुखैक ताप्तर्यमयी भक्त्ति ही तुम्हारा चरम लक्ष्य है । इसी से श्रीकृष्ण सेवा प्राप्त होगी । यही ज्ञान सर्वोपरि मानो एवं भक्त्ति करो ॥

--जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाप्रभु.
<अम्रुतस्य वै पुत्राः>

सभी जीव एकमात्र श्रीकृष्ण के पुत्र ही हैं । इतना ही नहीं वरन् वेद कहते हैं कि श्रीकृष्ण ही जीव के पिता, माता, भ्राता, सखा, पुत्र, प्रियतम, गति, आदि सब कुछ हैं । केवल श्रीकृष्ण सुखैक ताप्तर्यमयी भक्त्ति ही तुम्हारा चरम लक्ष्य है । इसी से श्रीकृष्ण सेवा प्राप्त होगी । यही ज्ञान सर्वोपरि मानो एवं भक्त्ति करो ॥

--जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाप्रभु





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