Tuesday, January 7, 2020

तत्वज्ञान की सबसे पहली सीढ़ी है इस बात का चिंतन करना "मैं नित्य चेतन आत्मा हूँ, शरीर नहीं हूँ" । आपने अपने को देह मान लिया है। बस यहीं से सारी गड़बड़ शुरू होती
है। जैसे गणित में यदि पहले कदम पे ही गलती हो जाये तो फिर आगे गलती होती ही जाती है। इसी प्रकार स्वयं को शरीर मान लेने से हम गलत दिशा में चलते जाते हैं।
------जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज।

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