Saturday, May 16, 2015

जिन जीवों ने 'गुरु एवं भगवान' के श्री चरणों में अपना सर्वस्व आत्मसमर्पण कर दिया बस उन्ही का जीवन 'जीवन है' और शेष सब 'मृतक' हैं।
............श्री महाराजजी।

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