Monday, June 24, 2013

श्री महाराज जी अपने सम्पूर्ण साहित्य एवं प्रवचन द्वारा पुनः पुनः यही सिद्धान्त जीवों के मस्तिष्क में भर रहे हैं। उनके मतानुसार ब्रहम जीव माया तीन तत्व सनातन हैं , किन्तु जीव एवं माया दोनों ही ब्रहम की शक्ति हैं। ब्रहम श्री राधाकृष्ण का दिव्य प्रेम प्राप्त करना साध्य एवं उनकी ही निष्काम भक्ति करना ही साधना है।

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