गुरु
के व्यवहार को कभी मत देखो। सदा यह सोचो कि वो कुछ भी करें, कैसा भी
व्यवहार करें , हमें इससे कोई मतलब नहीं। बस हमें तो आज्ञा पालन करना है।
चाहे वो हमसे आँखें फेर लें, चाहे डांट लगायें, लेकिन हमारे प्यार में कभी
कमी नहीं आयेगी। सदा उनको सुख पहुंचाना ही हमारे जीवन का प्रथम लक्ष्य है।
------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
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