बार
- बार हम अपराध किये जाते है वह हमारी चोरी को पकड़ भी लेते है फिर भी
कृपा करने को तैयार रहते है हमेशा। ''इतनी बड़ी कृपा '' एक बार संसार में
कोई नौकर चोरी में पकड़ा जाय रँगे हाथों फिर वह नौकर चाहे जितनी ईमानदारी
करे , मालिक उसे क्षमा नहीं करता , तुरंत बाहर निकाल देता है। लेकिन अनंत
बार चोरी करते हुये पकड़ा हुआ जीव जब सच्चे ह्रदय से फिर क्षमा माँग कर
शरणागत होना चाहता है तो महापुरुष पुनः गले लगा लेते है।
~~~~ जगद्गुरु श्री कृपालु महाप्रभु जी~~~~
~~~~ जगद्गुरु श्री कृपालु महाप्रभु जी~~~~
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