एक
बार आप भगवान् का नाम न लें और रूपध्यान करें , भगवत्प्राप्ति हो जायेगी।
और अनंत कोटि बार आप भगवान् का नाम लें और रूपध्यान न करें, भगवत्प्राप्ति
नहीं हो सकती।
बहु जन्म करे यदि श्रवण कीर्तन ,
तभू न पाय कृष्ण पदे प्रेमधन।
.......जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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