वास्तव में यदि कोई महापुरुष मिल जाए,तो उनकी सन्निधि में चाहे कोई भी साधन किया जाए वही श्रेष्ठ है।
जिन महापुरुषों का चित्त भगवान में लग गया है, वो ही हमे प्रभु से मिला सकते है ।
ऐसे महापुरुषों के श्रीअंगो से ऐसे किरणें निकलती रहती हैजो हमारी समस्त आसक्तियों को छुडा देती है।
No comments:
Post a Comment