हमारे
ह्रदय में श्यामसुंदर हैं , इस फीलिंग ( feeling ) को बढ़ाना है , अभ्यास
करो इसका। कभी भी अपने आपको अकेला न मानो बस एक सिद्धांत याद कर लो । हम
लोग जो पाप करते हैं , क्यों करते हैं ? अकेला मानकर अपने आपको । हम जो सोच
रहे हैं , कोई नहीं जानता । हम जो करने जा रहे हैं कोई नहीं जानता। हम जो
झूठ बोल रहे हैं , कोई नहीं जान सकता।
........जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
........जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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