अगर
भगवान् या महापुरुष कृपा कर दें कि सबका भगवद् चिन्तन होने लगे, तो ये
संसार ही क्यों रहता । किसी को कुछ करने के लिये वेद-पुराण आदेश क्यों देते
कि तुम ऐसा करो, ऐसा करो, ऐसा न करो । भगवान् ही सोच लेते, कृपा कर देते
तो सब जीवों का कल्याण हो जाता। भगवान् या महापुरुष की कृपा यही है कि हमको
सही मार्ग बता दें। उसके बाद उस पर चलता, ये कृपा हम लोगों को करनी पडेगी।
ये कृपा भगवान् या महापुरुष नहीं करेंगे । उनके पास और है क्या, कृपा के
सिवा । वो तो कृपा ही करते हैं, उनकी कृपा को REALISE करना ये हमारा काम
है।
------सुश्री श्रीधरी दीदी (प्रचारिका),जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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