लोक हानि में संसारी वस्तुओं के अभाव में चिन्ता मत करो। कभी - कभी भगवान् लोक हानि जान बुझकर देते हैं।
भगवान् कहते हैं कि मैं जिस पर अनुग्रह करना चाहता हूँ , उसे
ऐश्वर्यभ्रष्ट कर देता हूँ। उसका संसार छीन लेता हूँ। वास्तव में तो संसार
का जितना भी अभाव है वो भगवत कृपा ही है। भगवान् को यह चिन्ता होती है कि
हमारा भक्त कहीं उसमें उलझ न जाये।
............जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
............जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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