जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने आज तक किसी को मन्त्रदान नहीं दिया।
अमेरिका में एक बहुत बड़े पादरी(POP) ने महाराजजी से प्रश्न किया की आपके कितने लाख शिष्य है ? तो महाराजजी का जवाब सुनकर वो पादरी आश्चर्य चकित हो गये जब श्री महाराजजी ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया - एक भी नहीं। उस पादरी ने पुनः प्रश्न किया- आप वर्तमान मूल ओरिजिनल जगद्गुरु हैं और आप का एक भी शिष्य नहीं ? क्या आप कान नहीं फूँकते ? जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने उत्तर दिया- नहीं, मैं कान नही फूँकता। बल्कि कान फूँकने वालो की बुराई करता हूँ। इसलिये हमारे खिलाफ हो गये है सारे बाबा लोग की ये खुद भी शिष्य नहीं बनाते न किसी को बनाने देते हैं।
अमेरिका में एक बहुत बड़े पादरी(POP) ने महाराजजी से प्रश्न किया की आपके कितने लाख शिष्य है ? तो महाराजजी का जवाब सुनकर वो पादरी आश्चर्य चकित हो गये जब श्री महाराजजी ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया - एक भी नहीं। उस पादरी ने पुनः प्रश्न किया- आप वर्तमान मूल ओरिजिनल जगद्गुरु हैं और आप का एक भी शिष्य नहीं ? क्या आप कान नहीं फूँकते ? जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने उत्तर दिया- नहीं, मैं कान नही फूँकता। बल्कि कान फूँकने वालो की बुराई करता हूँ। इसलिये हमारे खिलाफ हो गये है सारे बाबा लोग की ये खुद भी शिष्य नहीं बनाते न किसी को बनाने देते हैं।
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