एक कल गया,एक आज जा रहा है और एक उसको लेकर जा रहा है शमशान घाट तक, राम नाम सत्य है और फिर भूल गया लौटते समय कि संसार सत्य है और प्लानिंग कर रहा है करोड़पति बनने की ये सबसे बड़ा आश्चर्य है कि बचे हुए लोग अपने लिये नहीं सोचते कि हम भी किसी भी क्षण जा सकते हैं। अपराध से बचें,हरि-गुरु का चिंतन करें। लापरवाही छोड़े।
राम नाम सब सत्य कह,जब लौं जात मसान।
लौटत ही पुनि जगत केंह,सत्य मान धनि ज्ञान।।
--------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज.
रावण ने लक्ष्मण को उपदेश दिया था कि देखो लक्ष्मण! में ब्राह्मण हूँ, चारों वेदों का विदवान हूँ और भगवान के लोक का पार्षद रहा हूँ। मेरा उपदेश नोट करो कि भगवद विषय का काम तुरंत करो संसार के काम को नंबर दो कर दो। नहीं तो उधार करते करते अनंत जन्म बीते हैं आगे भी अनंत जन्म बीतेंगे। कल-कल मत करो। क्या पता काल कल को आने ही न दे।
राम नाम सब सत्य कह,जब लौं जात मसान।
लौटत ही पुनि जगत केंह,सत्य मान धनि ज्ञान।।
--------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज.
रावण ने लक्ष्मण को उपदेश दिया था कि देखो लक्ष्मण! में ब्राह्मण हूँ, चारों वेदों का विदवान हूँ और भगवान के लोक का पार्षद रहा हूँ। मेरा उपदेश नोट करो कि भगवद विषय का काम तुरंत करो संसार के काम को नंबर दो कर दो। नहीं तो उधार करते करते अनंत जन्म बीते हैं आगे भी अनंत जन्म बीतेंगे। कल-कल मत करो। क्या पता काल कल को आने ही न दे।
तन का भरोसा नहीं गोविन्द राधे।
जाने कब काल तेरा तन छिनवा दे।।
कालि से भजूँगा जनि गोविन्द राधे।
कहु जाने काल कब टिकिट कटा दे।।
...
कालि का उधार तजु गोविन्द राधे।
जाने कब काल लाल झंडी दिखा दे।।
इस तन का भरोसा करके और हम आराम से संसार में भाग रहें हैं। बड़े-बड़े प्लान बनाते हैं, पंचवर्षीय, दसवर्षीय, पचासवर्षीय, इन्शुरेंस कराते हैं। अभी हम 20 साल के हैं, 25 साल का इन्शुरेंस करा लों, और अंदर ही अंदर डरते भी जाते हैं। लेकिन गलत काम, चोरी, नहीं छोड़ते। सही काम छोड़ देते हैं। भगवान की भक्ति करना है और ईधर रुपया मिलेगा। आज कौन सा काम करोगे? रुपए वाला। क्यों? अजी उसमें आनंद है। भगवान में आनंद है यह बात तुम नहीं मानते। मानते तो हैं। क्या मानते हो? अगर सचमुच मानते तो भगवान के कार्य को महत्व देते, उसको तुरंत करते।
-------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज.
जाने कब काल तेरा तन छिनवा दे।।
कालि से भजूँगा जनि गोविन्द राधे।
कहु जाने काल कब टिकिट कटा दे।।
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कालि का उधार तजु गोविन्द राधे।
जाने कब काल लाल झंडी दिखा दे।।
इस तन का भरोसा करके और हम आराम से संसार में भाग रहें हैं। बड़े-बड़े प्लान बनाते हैं, पंचवर्षीय, दसवर्षीय, पचासवर्षीय, इन्शुरेंस कराते हैं। अभी हम 20 साल के हैं, 25 साल का इन्शुरेंस करा लों, और अंदर ही अंदर डरते भी जाते हैं। लेकिन गलत काम, चोरी, नहीं छोड़ते। सही काम छोड़ देते हैं। भगवान की भक्ति करना है और ईधर रुपया मिलेगा। आज कौन सा काम करोगे? रुपए वाला। क्यों? अजी उसमें आनंद है। भगवान में आनंद है यह बात तुम नहीं मानते। मानते तो हैं। क्या मानते हो? अगर सचमुच मानते तो भगवान के कार्य को महत्व देते, उसको तुरंत करते।
-------जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज.
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