जैसे
किसी वास्तविक महापुरुष का संग करने से अनंत जन्मों के पाप नष्ट हो जाते
हैं। उसी प्रकार हरि गुरु से विमुख व्यक्ति का संग जीव से अनंत पाप करा
देता है। इसीलिए हरि - गुरु से विमुख व्यक्तियों का संग नहीं करना चाहिये।
......जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु ।
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