भगवान्
और संत ये दो पर्सनेलिटी ऐसी हैं जो शरीर से अलग हुए तो दिखायी पड़ते हैं |
एक्टिंग में किसी को छोड़कर जीवनभर को वियोगी बना सकते हैं लेकिन अन्दर से
कभी भी अलग नहीं हो सकते | हमारा शरीर नहीं रहता, तब भी वे रहते हैं | नरक
में भी वो हमारे साथ रहते हैं और बैकुण्ठ में भी वे हमारे साथ रहते हैं |
वे हमारा साथ छोड़ देंगे ऐसा कभी समझना ही नहीं चाहिए | समझना ही नहीं -
अनुभव करना चाहिए |
----जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज.
----जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज.
No comments:
Post a Comment