कुछ
साधक श्री कृष्ण के भक्त होते हैं एवं कुछ साधक राधारानी के ही भक्त होते
हैं। साथ ही दोनों में भेदभाव रखते हैं। यह नामापराध है। वस्तुतः राधाकृष्ण
एक ही तत्व है। पूर्व संस्कार के अनुसार किसी में अधिक अनुराग हो सकता है
किन्तु यह ध्यान रखना चाहिये कि दोनों सदा एक हैं।
.........जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
.........जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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