Thursday, May 15, 2014

हे मन ! तू मैं को मत छोड़। वरन मैं के आगे दास को और जोड़ दे ( मैं दास हूँ ) मेरा भी मत छोड़। वरन मेरा के आगे रसिक शेखर श्रीकृष्ण जोड़ दे। ( मेरा स्वामी )
~~~~~~जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु ~~~~~

No comments:

Post a Comment