हमें कभी भी मन मे निराशा नहीं लाना है, दृढ़ विश्वास जमाना है, ये नहीं सोचना है की साधना करते हुये इतने दिन हो गये, इतने साल बीत गये लेकिन हमारा काम अब तक नहीं बना । ये सोचिये की अब तो उनके हो गये, उनके हाथों बिक गये सब कुछ दे दिया अब time से क्या मतलब । आज मिले कल मिले हजार जन्म बाद मिले या न मिले । हमारा काम उनको अपना मान कर उनकी सेवा की याचना करना । उनकी विरह में तड़पते रहना बस हमारी इतनी ड्यूटि है । इसके आगे सोचना नहीं है, सोचना विचारना बुद्धि लगाना ये शरणागति काम नहीं है ।
!! जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज !!
!! जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज !!
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