जब किसी चीज को धारण करते समय हमको सुख मिलेगा और उसके न मिलने पर दुःख मिलेगा , तब धारण करना माना जायेगा ! धारण करना केवल मन से है इन्द्रियों से नहीं ! सुख के साधन से सुख नहीं होता है क्योंकि साधन अनित्य है ! श्रीकृष्ण ही भूमा आनंद है उनसे प्रेम करोगे तो आनंद प्राप्ति होगी !
"""*जगद्गुरुत्तम श्री कृपालु महाप्रभु*"""
"""*जगद्गुरुत्तम श्री कृपालु महाप्रभु*"""
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