गुरु में हरिबुद्धि रखो सदा गुरुधामा |
नरबुद्धि आने नहिं पाये आठु यामा ||
गुरु के प्रति सदैव भगवद् बुद्धि ही रखो | निरन्तर यह सावधानी रखो कि उनके प्रति मनुष्य की बुद्धि न आने पाये | तभी गुरुधाम में वास करना सफल होगा |
... गुरु की हो भक्ति वैसी जैसी श्याम श्यामा |
या करो गुरु की ही भक्ति आठु यामा ||
अपने इष्ट श्यामा-श्याम एवं गुरु की एक जैसी भक्ति ही करनी चाहिये अथवा केवल गुरु की ही भक्ति करें | यह भक्ति निरन्तर बनी रहे इस का ध्यान रखना है |
.............. श्यामा श्याम गीत ( जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ).....
नरबुद्धि आने नहिं पाये आठु यामा ||
गुरु के प्रति सदैव भगवद् बुद्धि ही रखो | निरन्तर यह सावधानी रखो कि उनके प्रति मनुष्य की बुद्धि न आने पाये | तभी गुरुधाम में वास करना सफल होगा |
... गुरु की हो भक्ति वैसी जैसी श्याम श्यामा |
या करो गुरु की ही भक्ति आठु यामा ||
अपने इष्ट श्यामा-श्याम एवं गुरु की एक जैसी भक्ति ही करनी चाहिये अथवा केवल गुरु की ही भक्ति करें | यह भक्ति निरन्तर बनी रहे इस का ध्यान रखना है |
.............. श्यामा श्याम गीत ( जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ).....
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